कब्ज
10/6/2021 8:33:00 AM eHakimJi Team
अमाशय की सौभाविक परिर्वतन की अवस्था है जिसमे मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है मल खड़ा हो जाता है उसकी अवृत्ति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्याधिक बल का प्रयोग करना पडता है । सामान्य अवृत्ति और अमाशय की गति व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती हैं ।
घरेलू उपचार:-
त्रिफला काली हरड़, सनाय, गुलाब के फूल, मुनक्का ( बीज निकला हुआ ) बादाम की गिरी, काला दाना, वनफशा सभी वस्तुए 25-25 ग्राम कूट पीस लें । रात्रि में सोतें समय 6 ग्राम दवा गर्म दूध के साथ फांक लें । प्रातः मल खुलकर आयेगा । कुछ दिन निरन्तर सेवन करने से कब्ज रोग जड़ से नष्ट हो जायेगा ।
चिकित्सा:-
चित्रकादि वटी 2-2 गोली सुबह दोपहर शाम, आरोग्यवर्धिनिवटी 2-2 गोली सुबह दोपहर शाम, अग्निकुमार रस 2-2 गोली सुबह दोपहर शाम, अभयारिष्ठ 4-4 चम्मच खाना खाने के बाद ।
अपथ्यः-
अम्ल व लवण रस युक्त, भोजन, बैंगन, अरुई, (घुइयाँ), उड़द, राजमा, छोले, अचार, तली चीजें, मैंदा एंव बेसन से बनें खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, पेस्ट्री, दूध, गुड, तिल, लहसुन, गरम मसाले, अधिक गर्म व सीलन युक्त वातावरण में निवास, साबुन, व शैम्पू का अत्यधिक प्रयोग, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का अधिक प्रयोग ।
पथ्यः-
गेहूँ, मूगँ की दाल (छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न, सहिजन की कली, चना, हरी मिर्च व अदरक (अल्प मात्रा में ), गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम हैं। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें । फलो मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग सामान्य किया जा सकता हैं। सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोजा, धुहारे, खजूर, आदि का प्रयोग करें।