जुकाम ,नजला और खांसी
10/11/2021 4:33:00 AM eHakimJi Team
सामान्य जुकाम को नेफोफ्रिनजाइटिस कहते हैं । अत्याधिक जुकाम या नजले को राइनोफ्रेरिजाइटिस कहते है ये ऊपरी श्वसन तन्त्र का आसानी से फैलने वाला संक्रमक रोग है जो अधिकांशता नासिक को प्रभावित करता है इसके लक्षणों में खांसी गलें की खराश नाक से स्त्राव ( रायनेरिया ) ज्वर आतें हैं ।
घरेलू चिकित्सा:-
आधा चम्मच अदरक का स्वरस आधा चम्मच तुलसी का स्वरस शहद मे मिला कर प्रयोग करें ।
चिकित्सा:-
कफकुठार रस 2-2 गोली सुबह शाम, सितोपिलादि चूरन आधा चम्मच दिन मे 3 बार शहद से, स्पासमा आधा चम्मच दिन मे 2 बार, रात को सोते समय, अमस्था अवले 2-2 चम्मच गुनगुने जल के साथ ।
अपथ्यः-
अम्ल व लवण रस युक्त, भोजन, बैंगन, अरुई, (घुइयाँ), उड़द, राजमा, छोले, अचार, तली चीजें, मैंदा एंव बेसन से बनें खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, पेस्ट्री, दूध ,गुड, तिल ,लहसुन, गरम मसाले, अधिक गर्म व सीलन युक्त वातावरण में निवास, साबुन, व शैम्पू का अत्यधिक प्रयोग, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का अधिक प्रयोग ।
पथ्यः-
गेहूँ, मूगँ की दाल(छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न, सहिजन की कली, चना, हरी मिर्च व अदरक (अल्प मात्रा में ),गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम हैं। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें । फलो मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग सामान्य किया जा सकता हैं। सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोला, छुहारे, खजूर, आदि का प्रयोग करें।