अस्थि-सुषिरता रोग
9/20/2021 4:57:00 AM eHakimJi Team
अस्थि-सुषिरता हड्डी जिसमें फैक्चर का खतरा बढ़ जाता है अस्थि खनिज घनत्व (B M D) कम हो जाता है अस्थि सूक्ष्म संरचना विघटित होती है और अस्थि में असंग्रहित प्रोटीन की राशि और विविद्यता परिवर्तित हैे।
घरेलू उपचार:-
बबूल की फली का चूरन 1 से 1/2 ग्राम शहद में मिलाकर प्रयोग करें।
चिकित्सा:-
(1) वीरेन टैबलेट 2-2 गोली सुबह शाम।
(2) महायोगराज गुग्गल 2-2 गोली सुबह शाम।
(3) शोंधित शिलाजित गोली 250 उह सुबह शाम।
(4) अश्र्वगंधा चूर्ण 1-1 चम्मच सुबह शाम।
(5) मुक्ता सुक्ति भस्म 10 ग्राम, गोदन्ति 10 ग्राम, पिरहवाल 10 ग्राम, सत् गिलोय 10 ग्राम, स्वर्ण माक्षिक भस्म 15 ग्राम, इन पाचों दवाइयों को मिलाकर 40 पुडिया बना लें और 1-1 पुडिया सुबह शाम सेंवन करें।
पथ्यः-
गेंहू की रोटी व शक्कर डालकर बनाया हलवा, किसी भी प्रकार का अन्तः व बाह्य स्नेह, पुर्नानवा पत्रों का शाक, अनार, पक्का मीठा आम, अगूंर, एरण्ड तेल, मूँग की दाल, हींग, अदरक, सोंठ, मेंथी, लहसुन अजवायन, कच्ची फली की सब्जि व सहिजन के फूल, घृतकुमारी का सेंवन, हल्दी, गुनगुने जल का सेवन व स्नान, गर्म वातावरण में निवास, सेवनीय होता हैं। गुनगुने जल में तेज, नमक डालकर पीडा व सूजन के स्थान पर सिकाई करने से विशेष लाभ होता हैं।
अपथ्यः-
चना, मटर, सोयाबीन, आलू, उड़द, राजमा, मसूर, कटहल, फूलगोभी, खीरा, टमाटर, अमचूर, नींबू, संतरा, अंगूर, दही, छाछ, आदि खटटा, पदार्थ, भैंस का दूध, ठण्डा जल पीना व स्नान, सीलन व ठण्डे स्थान पर निवास करना अहितकर होता हैं।