हृदय, धमनी रोग
9/24/2021 7:09:00 AM eHakimJi Team
ये हृदय की धमनियों का रोग है इस बीमारी में धमनियों मे मैल जमा होने के कारण हृदय में रक्त के भाव को प्रभावित करता है और हृदय की विफलता स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देता है।
घरेलू उपचार:-
अर्जुन की छाल का बारीक चूर्ण 4 ग्राम से 20 ग्राम तक गाय का दूध उबाला हुआ आधा किलो, तीन वस्तुओं को खूब मिलाकर निहार सेवन करांए। पीपल के कोमल पत्तों या कोपलों का रस 6 ग्राम से 10 ग्राम तक थोडा शहद मिलाकर प्रातः सांय लेने से हृदय को बड़ी शक्ति और शान्ति मिलती है रोग पूर्णतः दूर होकर हृदय बलवान बनता है ।
चिकित्सा:-
अर्जुन टैबलेट 2-2 गोली सुबह शाम, अर्जुन चूर्ण 1 चम्मच रात को सोते समय, अर्जुनारिष्ट 4-4 चम्मच रात को खाना खाने के बाद मुक्तापिष्टी 125 उह सुबह खाली पेट शहद के साथ ।
अपथ्यः-
अम्ल व लवण रस युक्त, भोजन, बैंगन, अरुई, (घुइयाँ), उड़द, राजमा, छोले, अचार, तली चीजें, मैंदा एंव बेसन से बनें खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, पेस्ट्री, दूध, गुड, तिल, लहसुन, गरम मसाले, अधिक गर्म व सीलन युक्त वातावरण में निवास, साबुन, व शैम्पू का अत्यधिक प्रयोग, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का अधिक प्रयोग ।
पथ्य:-
गेहूँ, मूगँ की दाल (छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न, सहिजन की फली, चना, हरी मिर्च व अदरक (अल्प मात्रा में ),गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम हैं। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें । फलो मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग सामान्य किया जा सकता हैं। सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोला, छुहारे, खजूर, आदि का प्रयोग करें।