अन्नद्रवशूल तथा परिणामशूल
9/6/2021 4:22:00 AM eHakimJi Team
पैपटिक अल्सर पेट या डियोडेनम में होता है ये दो प्रकार का होता हैं (1)गैस्ट्रिक अल्सर (2) डियोडेनल अल्सर होता हैं। अल्सर होने पर पेंट में जलन, उल्टी और उसके साथ ब्लीडिंग होने लगती हैं। कुछ समय बाद अल्सर के पकने पर ये फट भी जाता हैं।
घरेलू उपचार
100 ग्राम देसी सोंफ लेकर उसे दो भाग में बांट कर एक भाग कढाई में भून ले ठण्डा होने पर दोनों को मिला लें व 100 ग्राम मिश्री मिलाकर पीस लें व दिन मे 3-4 बार 1-1 चम्मच सेवन करें ।
बड़ी इलायची को 1 गिलास पानी में पकाए जब आधा गिलास शेष रहें जायें तों उसे छानकर और थोड़ा सैंधव लवण मिलाकर 3 से 4 चम्मच प्रत्येंक 2 घण्टें के अन्तराल पर पिलाएं तुरन्त लाभ होता हैं।
चिकित्सा
(1) अल्सारेक्स टैबलेट 2-2 गोली दिन में 3 बार।
(2) अविपत्तिकर चूर्ण 1-1 चम्मच 3 बार ।
(3) बी डायजस्टिन सीरप 2-2 चम्मच दिन में 3 बार ।
पथ्य
गेहूँ, मूँग की दाल (छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न, सहिजन की फली, चना, व (अल्प मात्रा में ), गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम हैं। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें ।
फलो मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग सामान्य किया जा सकता हैं। सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोजा, छुहारे, खजूर, आदि का प्रयोग करें।
अपथ्य
अधिक नमक, तेल, खटाई, वाले पदार्थ गरम मासाला, अचार, चावल, उडद, राजमा, आधुनिक व्यंजन, कटहल, आलू, बेसन मैदा से बने पदार्थं।