Foetus Nourishment
8/10/2021 11:17:00 AM eHakimJi Team
गर्भावस्था में गर्भपोषण
10 से 15 प्रतिशत प्रेगनेंसी मे मिसकैरेज हो जाता है जिसके कई कारण होते है। जैसे आनुवशिँक समस्या या गर्भ को पर्याप्त पोषण न मिलने की कमी से भी गर्भपात हो जाता हैं।
घरेलू चिकित्सा
गर्भवती स्त्री को चुकन्दर, खजूर, किशमिश, और अनार का प्रयोग करना चाहिए ।
चिकित्सा
गर्भपाल रस 2-2 गोली सुबह, दोपहर, शाम, गर्भचिन्तामणि रस 1-1 गोली सुबह, शाम ,सोमघृत या फल कल्याण घृत 1-1 चम्मच सुबह शाम दूध के साथ ।
अपथ्य
अम्ल व लवण रस युक्त भोजन, बैंगन, अरुई, (घुइयाँ), उड़द, राजमा, छोले, अचार, तली चीजें, मैंदा एंव बेसन से बनें खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, पेस्ट्री, दूध, गुड, तिल, लहसुन, गरम मसाले, अधिक गर्म व सीलन युक्त वातावरण में निवास, साबुन, व शैम्पू का अत्यधिक प्रयोग, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का अधिक प्रयोग ।
पथ्य
गेहूँ,मूँग की दाल (छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न,सहिजन की फली, चना, हरी मिर्च व अदरक (अल्प मात्रा में ),गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम है। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें । फलांे मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग किया जा सकता है। सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोजा, छुहारे, खजूर, आदि का प्रयोग करें।