कांच निकलना
11/15/2021 1:12:00 PM eHakimJi Team
जब कोई कब्ज से पीड़ित होता है तो उसका मल शुष्क और कठोर हो जाता है अधिक जोर लगाने पर गुदा की त्वचा भी मल के साथ मल द्वार से बाहर निकल जाती है । बच्चो मे अधिक दस्त होने के कारण मल द्वार की त्वचा अधिक कोमल हो जाती है । और बाहर की ओर निकलने लगती है ।
घरेलू चिकित्सा:-
इमली के बीजो की ओर गिरी पीसकर आटा बना लें। 1/4 ग्राम आटा 10 ग्राम गाय के घी के साथ खाते रहें । एक महीना सेवन
करें ।
चिकित्सा:-
अर्शोघ्नीवटी 2-2 गोली दिन में 3 बार , अर्शकुठार रस 2-2 गोली दिन 3 बार , अर्शोरिन 2-2 गोली दिन मे 3 बार , अभयारिष्ठ 4-4 चम्मच खाना खाने के बाद , लैक्सप्योर 1 चम्मच रात को गरम पानी लें।
बाहरी प्रयोग:-
काशीसादी तेल गुदा के अन्दर लगाये ।
अपथ्यः-
अम्ल व लवण रस युक्त, भोजन, बैंगन, अरुई, (घुइयाँ), उड़द, राजमा, छोले, अचार, तली चीजें, मैंदा एंव बेसन से बनें खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, पेस्ट्री, दूध, गुड, तिल, लहसुन, गरम मसाले, अधिक गर्म व सीलन युक्त वातावरण में निवास, साबुन, व शैम्पू का अत्यधिक प्रयोग, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का अधिक प्रयोग ।
पथ्यः-
गेहूँ, मूँग की दाल (छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न, सहिजन की फली, चना, हरी मिर्च व अदरक (अल्प मात्रा में ), गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम हैं। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें । फलो मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग सामान्य किया जा सकता हैं।सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोजा, छुहारे, खजूर, आदि का प्रयोग करें।