CANCER
7/31/2021 6:05:00 AM eHakimJi Team
कर्कटार्बुद ( कैंसर )
हमारे शरीर मे कोशिकाओं (शैलष) का लगातार विभाजन होता रहता है । ये सामान्य सी प्रक्रिया है जिस पर शरीर का पूरा कंट्रोल रहता है लेकिन जब किसी खास अंग की कोशिकाओ पर शरीर कंट्रोल नही रहता है और वो असामान्य रुप से बढ़ने लगती है तो उसे कैंसर कहते हैं ।
घरेलू उपचार
दो नींबू पानी मे उबालें फिर निकाल कर नींबू काटकर रस निकाल ले। उसमे 20 ग्राम शहद मिलाकर रोगी को पिला दें । प्रतिदिन एक नींबू और शहद की मात्रा बढ़ाते जाओ। दस दिन बाद सें एक नींबू घटातें जाओं।
चिकित्सा
क्रूएल कैप्सूल 1-1 सुबह दोपहर शाम, कंचनार गुग्गल 2-2 गोली सुबह दोपहर शाम, वृद्विवाटिका वटी 2-2 गोली सुबह दोपहर शाम, आरोग्यवर्धिनी वटी 2-2 गोली सुबह दोपहर शाम, संजीवनी वटी 20 ग्राम, शिलासिन्दूर 3 ग्राम, ताम्र भस्म 1 ग्राम, गिलोय सत् 20 ग्राम, अभ्रक भस्म 5 ग्राम, हीरक भस्म 300 से 500 मिलीग्रा, वसन्तमालती रस 2 से 4 ग्राम मुक्तापिष्टी 4 ग्राम, प्रवाल पंचामृत 5 ग्राम सभी औषधियो को मिलाकर 90 पुड़िया बनाएं । प्रातः दोपहर एंव रात्रि - भोजन से आधा घण्टा पहले जल /शहद/मलाई से सेवन करें ।
अपथ्य
अम्ल व लवण रस युक्त, भोजन, बैंगन, अरुई, (घुइयाँ), उड़द, राजमा, छोले, अचार, तली चीजें, मैंदा एंव बेसन से बनें खाद्य पदार्थ, पिज्जा, बर्गर, पैटीज, पेस्ट्री, दूध, गुड, तिल, लहसुन, गरम मसाले, अधिक गर्म व सीलन युक्त वातावरण में निवास, साबुन, व शैम्पू का अत्यधिक प्रयोग, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री का अधिक प्रयोग ।
पथ्य
गेहूँ, मूँग की दाल(छिलके वाली), लौकी, तोरई, कच्चा पपीता, गाजर, टिण्डे, पत्तागोभी, करेला, परवल, पालक, हरी मेंथी, अंकुरित अन्न, सहिजन की फली, चना, हरी मिर्च व अदरक (अल्प मात्रा में ), गाय का दूध व घृत सर्वोत्तम हैं। गोदुग्ध उपलब्ध न होने पर ही भैंस के दूध का प्रयोग करें । फलो मे सेब, पपीता, चीकू, अनार, अमरुद, बग्गूगोसा, जामुन, मौसमी आदि का प्रयोग सामान्य किया जा सकता हैं। सूखे मेवों मे काजू, बादाम, मुनक्का, किशमिश, अंजीर, चिलगोजा, छुहारे, खजूर आदि का प्रयोग करें।